कविगुरु को सिर्फ दुमका के लिए एक्सटेंशन नहीं मिला था सर. MDLE भी शामिल था उसमें. 1893 से MDLE में पैसेंजर आती और जाती रही है. ER का कुछ सबसे पुराने स्टेशन में से एक है MDLE.
BGP के पास यार्ड में जगह नहीं थी तो JMP भेज दी गई क्योंकि रात भर BGP में PF पर ही खड़ी रहती थी.
बाकी गोड्डा से ट्रेन आने के कारण सीट ना मिलने वाली बात तो सर हर ट्रेन के साथ है. JSME में ही पूर्वा में GS में घुस पाना असम्भव है....
more... मयूराक्षी ही दुमका से भर जाती होगी तो RPH वालो को सीट नहीं मिलती होगी.
हो सकता है दुमका को अभी डेडीकेटेड ट्रेन मिले लेकिन जैसी ट्रीटमेंट DUMK को रेलवे देता रहा है अगर दुबे जी की मेहनत से ट्रेन आई तो गोड्डा जाएगी भविष्य में और अगर सुनील जी की मेहनत से आई तो शायद RPH जाए.. 🥲