यह तो भारत के संविधान में लिखा है, वर्दी वाले को हर हाल में सीट देनी पड़ेगी. क्यों न 4 की सीट पर ७ बैठे हों
क्या GRP यह सुलहनामा करवाती अगर किसी यात्री ने वर्दी वाले को पीटा होता ?
यही इस देश का रिवाज़ हो चला है, रसूक वालों के लिए अलग कानून ,या यूँ कहें कोई कानून नहीं