भाईजान आपकी बात में ही कड़वी सच्चाई है,हाथ कंगन को आरसी क्या पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या। एक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए घाट सेक्शन में दिक्कत आ गई लेकिन वंदे भारत चलाने के लिए वही घाट सेक्शन चुस्त दुरुस्त तंदरुस्त हो गया इसी से समझ में आता है कि सियासत कितनी हावी है।