लेकिन इतना काम तो रेलवे ने भी किया ही है। तीसरी पटरी बिछाई गई और तमाम नई रेलगाड़ियां चली है।
सड़क मार्ग से जाने वाले हर वाहन को चलाने की लागत तीन गुनी हो गई । रेल चलाने वाली बिजली, उसके कर्मचारियो की तनख्वाह भी कई गुना बढ़ गई तो फिर पैसा कहां से आएगा। किराया भी तो बढ़ना जरूरी है